तन्हाई शायरियाँ TANHAI SHAYARI IN HINDI FOR GIRLFRIEND,BEST TANHAI SHAYARI FOR FACEBOOK & WHATSAPP | morepankh.com

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" तन्हाई शायरियाँ "

तन्हाई की आग में कहीं जल ही न जाऊँ
के अब तो कोई मेरे आशियाने को बचाले

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यूँ तो हर रंग का मौसम मुझसे वाकिफ है मगर
रात की तन्हाई मुझे कुछ अलग ही जानती है।


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यादों में आपके तनहा बैठे है
आपके बिना लबों की हँसी गँवा बैठे है
आपकी दुनिया में अँधेरा ना हो
इसलिए खुद का दिल जला बैठे है


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एक तुम्हीं थे जिसके दम पे चलती थी साँसें मेरी,
लौट आओ कि ज़िंदगी से वफ़ा निभाई नहीं जाती।


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कभी सोचा न था तन्हाइयों का दर्द यूँ होगा
मेरे दुश्मन ही मेरा हाल मुझसे पूछते हैं


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मुझको मेरी तन्हाई से अब शिकायत नहीं है,
मैं पत्थर हूँ मुझे खुद से भी मोहब्बत नहीं है।


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इस तरह हम सुकून को महफूज़ कर लेते हैं,
जब भी तन्हा होते हैं तुम्हें महसूस कर लेते हैं


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चंद लम्हों के लिए एक मुलाक़ात रही
फिर ना वो तू, ना वो मैं, ना वो रात रही


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कुछ कर गुजरने की चाह में कहाँ-कहाँ से गुजरे,
अकेले ही नजर आये हम जहाँ-जहाँ से गुजरे


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मेरी तन्हाई को मेरा शौक न समझना,
बहुत प्यार से दिया है ये तोहफा किसी ने


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इस तन्हाई का हम पे बड़ा एहसान है साहब
न देती ये साथ अपना तो जाने हम किधर जाते


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वो हर बार मुझे छोड़ के चले जाते हैं तन्हा,
मैं मज़बूत बहुत हूँ लेकिन कोई पत्थर तो नहीं हूँ।


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तुमसे कुछ कहूँ तो कह न सकूँगा,
दूर तुमसे अब रह न सकूँगा,
अब नहीं आता तुम्हारे बिन दिल को चैन,
ये दूरी अब सह न सकूँगा


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मीठी सी खुशबू में रहते हैं गुमसुम,
अपने अहसास से बाँट लो तन्हाई मेरी।

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तेरे सहारे मौत से लड़ता रहा ता-ज़िंदगी
क्या करूँ इस ज़िंदगी का मैं बता तेरे बिना


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तन्हाईयाँ कुछ इस तरह से डसने लगी मुझे,
मैं आज अपने पैरों की आहट से डर गया।


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जगमगाते शहर की रानाइयों में क्या न था,
ढूँढ़ने निकला था जिसको बस वही चेहरा न था,
हम वही, तुम भी वही, मौसम वही, मंज़र वही,
फासले बढ़ जायेंगे इतने मैंने कभी सोचा न था


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उनसे मुलाक़ात के सिलसिले क्या बन्द हुए,
मुद्दतें बीती हैं आईने से रूबरू हुए।


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कहीं पर शाम ढलती है कहीं पर रात होती है
अकेले गुमसुम रहते हैं न किसी से बात होती है
तुमसे मिलने की आरज़ू दिल बहलने नहीं देती
तन्हाई में आँखों से रुक-रुक के बरसात होती है


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तुम क्या गए कि वक़्त का अहसास मर गया,
रातों को जागते रहे और दिन को सो गए।


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कभी पहलू में आओ तो बताएँगे तुम्हें,
हाल-ए-दिल अपना तमाम सुनाएँगे तुम्हें,
काटी हैं अकेले कैसे हमने तन्हाई की रातें,
हर उस रात की तड़प दिखाएँगे तुम्हें


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कमाल का ताना देती है ये दुनिया मुझे,
अगर वो तेरा है तो तेरे पास क्यों नहीं।


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अभी अभी वो मिला था हज़ार बातें कीं
अभी अभी वो गया है मगर ज़माना गुजर गया

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एक उम्र है जो तेरे बगैर गुजारनी है,
और एक लम्हा भी तेरे बगैर गुजरता नहीं।


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मेरी है वो मिसाल कि जैसे कोई दरख़्त,
चुप-चाप आँधियों में भी तन्हा खड़ा हुआ


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“इन उदास कमरों के कोनों की गीली तन्हाई
वक़्त की धूप के साथ सूख ही जायेगी

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सहारा लेना ही पड़ता है मुझको दरिया का,
मैं एक कतरा हूँ तनहा तो बह नहीं सकता।


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ज़िन्दगी के ज़हर को यूँ पी रहे हैं,
तेरे प्यार के बिना यूँ ज़िन्दगी जी रहे हैं,
अकेलेपन से तो अब डर नहीं लगता हमें,
तेरे जाने के बाद यूँ ही तन्हा जी रहे हैं


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ये भी शायद ज़िंदगी की इक अदा है दोस्तों,
जिसको कोई मिल गया वो और तन्हा हो गया।


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ख्वाब ख्याल, मोहब्बत, हक़ीक़त, गम और तन्हाई
ज़रा सी उम्र मेरी किस-किस के साथ गुज़र गयी


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इस तन्हाई का हम पे बड़ा एहसान है साहब !
न देती ये साथ अपना तो जाने हम किधर जाते !!


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ना ढूंढ़ मेरा किरदार दुनियाँ की भीड़ में,
वफादार तो हमेशा तन्हा ही मिलते है


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मैं तन्हाई को तन्हाई में तनहा कैसे छोड़ दूँ !
इस तन्हाई ने तन्हाई में तनहा मेरा साथ दिए है


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Tanhai Mere Dil Mein Samati Chali Gayi
Kismat Bhi Apna Khel Dikhati Chali Gayi
Mehkti Fiza Kee Khushbu Mein Jo Dekha Pyaar Ko
Bas Yaad Unki Kee Aayi Aur Rulati Chali Gayi


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In Behte Hue Aansuon Se Aqidat Hai Mujhe Bhi,
Unki Tarha Hi Khud Se Shikayat Hai Mujhe Bhi,
Wo Agar Nazuk Hain To Main Bhi Pathar Nahi,
Tanhai Mein Rone Ki Aadat Hai Mujhe Bhi


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मीठी सी खुशबू में रहते हैं गुमसुम,
अपने अहसास से बाँट लो तन्हाई मेरी


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अब तो याद भी उसकी आती नहीं
कितनी तनहा हो गई तन्हाईयाँ


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तन्हाई की आग में कहीं जल ही न जाऊँ
के अब तो कोई मेरे आशियाने को बचाले---
हुआ है तुझसे बिछड़ने के बाद ये मालूम,
कि तू नहीं था तेरे साथ एक दुनिया थी


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इस तन्हाई का हम पे बड़ा एहसान है साहब
न देती ये साथ अपना तो जाने हम किधर जाते

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तेरे वजूद की खुशबु बसी है साँसों में,
ये और बात है नजरों से दूर रहते हो


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Bade Ajeeb Se Mele hai Aajkal Iss Duniya Ke
Dikhti To Bheed Hai Par Chalte Sab Akele Hai


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रोते हैं तन्हा देख कर मुझको वो रास्ते,
जिन पे तेरे बगैर मैं गुजरा कभी न था


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घर से बाहर कोलेज जाने के लिए वो नकाब मे निकली
सारी गली उनके पीछे निकली
इनकार करते थे वो हमारी मोहब्बत से
और हमारी ही तसवीर उनकी किताब से निकली


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मैं हूँ दिल है तन्हाई है,
तुम भी जो होते तो अच्छा होता


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हर तरफ हर जगह बेशुमार आदमी,
फिर भी तन्हाइयों का शिकार आदमी


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मैं भी तनहा हूँ और तुम भी तन्हा,
वक़्त कुछ साथ गुजारा जाए


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कौन कहता है के तन्हाईयाँ अच्छी नहीं होती
बड़ा हसीन मौका देती है ये ख़ुद से मिलने का


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शाम खाली है जाम खाली है,
ज़िन्दगी यूँ गुज़रने वाली है


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मोहब्बत एक खुशबू है हमेशा साथ रहती है
कोई इंसान तन्हाई में भी कभी तन्हा नहीं रहता


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आँखें फूटें जो झपकती भी हों,
शब-ए-तन्हाई में कैसा सोना


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Baith ke tanhai me jab jab tujhe pukara hai
dil me yaden aankh me aasu or khud ko tanha hi pya hai


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चन्द रातों के महकते ख़्वाब,
ज़िन्दगी भर की नींद ले गए


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Wo aya tha mehfil mein magar shok se nahi
Wo betha tha pas mere magar dil se nahi
Kon kehta hain wo pyar nahi karta
Karta to hain magar afsoos mujse se nahi


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मैं हूँ दिल है तन्हाई है,
तुम भी जो होते तो अच्छा होता


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Usko chahte rehnge yun umar guzar jayegi
Maut aayegi aur zindgi le jayeyge
Mere marne pe bhi sanam ko rone na dena
Usko rote dekh meri ruhh tadap jayegi


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जब से देखा है चाँद को तन्हा,
तुम से भी कोई शिकायत ना रही


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