BEST LATEST MULAKAT SHAYARI IN HINDI,MULAKAT QUOTES,STATUS,SMS |morepankh.com

Doston yadi pyar ki baat ho aur mulakat ki baaten na ho to fir kaise baat banegi ,pyar main mulakaten hoti rahe to aur bhi pyar badhta jaata hai aur agar mulakat na ho to bekarari badhti jaati hai ,aisi hi mulakat ki baaton ki shayari collection lekar aaj hum aap ke aaye hai,aap padhiye aur doston ko bhi bhejiye....

                                             
BEST LATEST MULAKAT SHAYARI IN HINDI

      



"मुलाकात"Shayari

Na jee bhar ke dekha na kuch baat ki
Badi aarzoo thi mulaqat ki


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mulakat shayari in hindi


कुछ ‪नशा‬ तो ‪आपकी‬ बात का है,
कुछ नशा तो धीमी ‪बरसात‬ का है,
हमें ‎आप‬ यूँ ही ‪‎शराबी‬ ना कहिये,
इस ‪दिल‬ पर ‪असर‬ तो आप से ‪‎मुलाकात‬ का है


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जाने वाले से मुलाक़ात न होने पाई
दिल की दिल में ही रही बात न होने पाई


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होंठ कह नही सकते जो फसाना ‪‎दिल‬ का,
शायद ‪नज़र‬ से वो बात हो जाए
इस उमीद में करते हैं ‪‎इंतेज़ार‬ रात का,
के शायद सपने में ‪मुलाक़ात‬ हो जाए


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mulakat shayari in urdu

गाहे गाहे की मुलाक़ात ही अच्छी है 'अमीर'
क़द्र खो देता है हर रोज़ का आना जाना


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मुलाकात‬ जरुरी हैं,‎अगर‬ रिश्ते निभाने हो,
‪वरना‬ लगा कर ‪‎भूल‬ जाने से पौधे ‎भी‬ सुख जाते हैं


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क्या कहूँ उस से कि जो बात समझता ही नहीं
वो तो मिलने को मुलाक़ात समझता ही नहीं


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तेरे‬ ज़िक्र ‪‎भर‬ से ही ‪‎हो‬ जाती है ‪‎तुझसे‬
मेरी ‪‎मुलाकात‬
तेरे नाम ‪‎से‬ इस ‪‎कदर‬ मोहब्बत ‪‎है‬
मुझको


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main khushanaseb hoon ke rat khvab ate hain
aksar khvabon mein baikhtiyar unase mulaqat hote hai


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सोचा कि भुला देंगे हम तुम्हेँ अपने दिल‬ से
मगर तुम्हारी हर ‪‎मुलाकात‬ हमारा इरादा‬ बदल देती हैँ


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mulakat shayari status

मुसाफ़िर हैं हम भी मुसाफ़िर हो तुम भी
किसी मोड़ पर फिर मुलाक़ात होगी


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लेकर आना उसे मेरे ‪‎जनाजे‬ में
एक आखरी हसीन ‪मुलाकात‬ तो होगी
मेरे ‪‎जिस्म‬ में जान न हो मगर
मेरी ‪‎जान‬ तो मेरे जिस्म के पास होगी


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हर मुलाक़ात का अंजाम जुदाई था अगर
फिर ये हंगामा मुलाक़ात से पहले क्या था


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कभी‬ हमसे भी पल-दो ‪पल‬ की,‎मुलाकात‬ कर लीया
करो क्या पता आज हम ‪तरस‬ रहे हैँ कल तुम ‪ढुढते‬ ‪फीरो


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roj dedar ho chand ka ye jaroore to nahin
beparda ho mulaqat unase ye jaroore to nahin


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तेरे‬ मिलने ‪‎से‬ कुछ ‪‎ऐसी‬ बात हो गई,
कुछ भी ‪नहीं‬ था ‪पास‬ मेरे और ‪जिंदगी‬ से ‪‎मुलाकात‬ हो गई


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कभी हुई न मुलाक़ात शहर से मेरी
मैं जब भी सो के उठा शहर सोने वाला था


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चाँद ‪‎के‬ बिना ‪‎अँधेरी‬ रात रह जाती है
साथ ‪‎कुछ‬ ‪‎हसीन‬ ‪‎मुलाकात‬ रह ‪‎जाती‬ है,
सच है ‪जिंदगी‬ ‪कभी‬ रूकती ‪नहीं‬
बस वक्त ‪निकल‬ जाता है और याद रह जाती है


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do baten kar lena unase gar char na ho sake,
khyal he kar lena gar mulaqat na ho sake


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‎लम्हे‬ ये ‪सुहाने‬ साथ हो न हो, ‪कल‬ मे आज जैसी कोई बात हो न हो
आपका ‪प्यार‬ हमेशा इस दिल मे रहेगा चाहे पूरी उम्र ‪मुलाकात‬ हो न हो


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इस मुलाक़ात ने इक रौशनी फैलाई है
लोग बढ़ते हैं तो तहज़ीब बढ़ा करती है


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बडी अजीब ‪‎मुलाकाते‬ होती थी वो हमारी.
वो ‪‎मतलब‬ से मिलते थे और हमे उनके मिलने से मतलब होता था


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mil kar bhe unase hasarat-e-mulaqat rah gai
badal to ghir aye the bas barasat rah gai


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तू ‪गुजर‬ जाये ‪करीब‬ से
वो भी ‪मुलाकात‬ से कम नहीं


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तेरी मुलाक़ात की धनक से दहकती रातें
उजाड़ आँखों के प्यास पाताल की तहों में


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‎मुलाकातें‬ नहीं मुमकिन
मुझे अहसास है लेकिन
‪‎तुम्हें‬ मैं ‪याद‬ करता हूँ
बस इतना ‪‎याद तुम ऱखना‬


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kuchh zyada to nahin manga tha hamane tumase a zindagi,
chhote si arazoo thi unase mulaqat-ai-guftagoo ki


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mulakat quotes

सुकर‬ मान के ‪हमने‬ तुझसे कभी ‪‎मुलाकात‬ नहीं की,
वरना तेरे ‪दील‬ को तेरे ‪‎खिलाफ‬ कर ‪‎देता


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हर मुलाक़ात पे महसूस यही होता है
मुझसे कुछ तेरी नज़र पूछ रही हो जैसे


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काश‬ पता ‪होता‬ हमें कि ‪‎हमारी‬ वो
आखरी ‪‎मुलाकात‬ थी
‪हमने‬ तो जी ‪भर‬ के ‪देखा‬ भी नही


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kudarat ke karishmon mein agar rat na hoti
khwabon mein bhi fir unase mulaqat na hoti


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यूँ सर-ए-राह ‪मुलाक़ात‬ हुई है अक्सर
उसने ‪देखा‬ भी नहीं,हमने ‪‎पुकारा‬ भी नहीं


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रात के माथे पे सूरज ने सहर लिख दी है
आसरा उससे मुलाक़ात का भी टूट गया


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तेरे इंतजार में ‪नींद‬ भी ‪गुमशुदा‬ हो गई है,
अगर ‪ख़्वाब‬ में ‪मुलाकात‬ कर सको तो क्या मैं सो‬ जाऊँ


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बिछड़े लोगों से मुलाक़ात कभी फिर होगी,
दिल में उम्मीद तो काफ़ी है यक़ीं कुछ कम है

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मैँ चाहता था कि ‪खुद‬ से ‪‎मुलाकात‬ हो
लेकिन ये ‪आईने‬ भी ‪कद‬ के न निकले मेरे


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एहसान नहीं ख़्वाब में आए जो मेरे पास
चोरी की मुलाक़ात मुलाक़ात नहीं है


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मुलाकातें‬ तो आज भी हो जाती हैं तुम से
मेरे ख्वाब किसी ‪‎मजबूरी‬ के ‪मोहताज‬ नहीं हैं


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ना चाहते हुए भी तेरे बारे में बात हो गई...
कल आईने में तेरे आशिक़ से मुलाक़ात हो गई


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नक़्शा उठा के कोई नया शहर ढूँडिए
इस शहर में तो सब से ‪मुलाक़ात‬ हो गई


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आओ रो लें गले मिल के हम तुम
ख़ुदा जाने फिर कब मुलाक़ात होगी


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नज़र‬ ने नज़र से ‪‎मुलाक़ात‬ कर ली,‪‎
रहे‬ दोनों ‪‎खामोश‬ पर ‪बात‬ करली,
‪मोहब्बत‬ की ‪‎फिजा‬ को जब ‪‎खुश‬ पाया,
इन‬ आंखों ने ‪रो‬ रो के ‪‎बरसात‬ कर ली


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बहुत कमिया निकालने लगे हैं हम दूसरों में...
आओ एक मुलाक़ात ज़रा आईने से भी कर लें


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mulakat sms

उसकी ‪‎मासूमियत‬ मे इतना ‪असर‬ था
कि
उसने एक ‪मुलाकात‬ मे मेरी ‪जिंदगी‬ खरीद ली


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आज तो मिल के भी जैसे न मिले हों तुझसे
चौंक उठते थे कभी तेरी मुलाक़ात से हम


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पहली ‪मुलाकात‬ थी,हम ‎दोनों‬ ही थे बेबस
वो ‪जुल्फें‬ न संभाल पाए और हम ‪‎खुद‬ को


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milne ki shayari

चलो न एक मुलाक़ात ऐसी लिखें,
जिसका कोई अंत न हो

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ये‬ कैसी ‪‎मुलाकात‬ थी ‪आपकी‬ हमसे ‪यारा‬
‪ना‬ तो ‎हम‬ आपसे ‪मिल‬ सके ‪और‬ ना ही ‪‎बिछड‬ सके


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यूं सर-ए-राह मुलाक़ात हुई है अक्सर
उसने देखा भी नहीं हमने पुकारा भी नहीं


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तेरे ‪गम‬ को ‪अपनी‬ रूह में ‎उतार‬ लूँ
‪‎जिन्दगी‬ तेरी ‪‎चाहत‬ में ‪सवार‬ लूँ
‪‎मुलाकात‬ हो ‪तुझ‬ से कुछ ‪इस‬ तरह
‪तमाम‬ ‪उमर‬ बस इक मुलाकात में ‪गुजार‬ लूँ


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चलो फिर से शायरियों में कुछ बात हो जाए
दो पल की ही सही एक मुकम्मल मुलाक़ात हो जाए


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मुलाकात‬ तो ‪‎एहतियातन‬ हो गई थी उनसे,
उनसे मिलने का कोई ‪इरादा‬ न था ।
‪राह‬ चलते यूँ दे दिया था आने का ‪‎न्यौता‬,
‪महफिल‬ में बुलाने.का कोई वादा न था


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मौत मेरी इक शर्त मान कर आए
पहले जीते-जी मुझ से मुलाक़ात करे


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दूर‬ रहकर हमसे ‪‎वास्ता‬ रखना ,
‪मुलाकात‬ ना सही,बातों का ‎सिलसिला‬ चालू रखना,
‪छू‬ लो आसमां‬ को तुम,हमारी यही ‎तमन्ना‬ है,
पर हम तक ‪वापस‬ आने का ‪रास्ता‬ बनाये रखना


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काफ़ी नहीं ख़ुतूत किसी बात के लिए
तशरीफ़ लाइएगा मुलाक़ात के लिए


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वो बात अधूरी रह गई मेरी मुलाकात अधूरी रह गई
कहना तो उससे बहुत कुछ था पर वो रात अधूरी रह गई


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कल रात ज़िंदगी से मुलाक़ात हो गई
लब थरथरा रहे थे मगर बात हो गई


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अगर हमारी आपसे मुलाक़ात हो गई होती
आपकी आपके दिल से अदावत हो गई होती


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जब उस की ज़ुल्फ़ में पहला सफ़ेद बाल आया
तब उस को पहली मुलाक़ात का ख़याल आया


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खुशिया किसी की मोहताज नहीं होती,
दोस्ती यूँ ही इत्तेफ़ाक़ से नहीं होती
कुछ तो मायने होंगे इस पल के,
वरना यूँही आपसे मुलाक़ात नहीं होती


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जाने वाले से मुलाक़ात न होने पाई
दिल की दिल में ही रही बात न होने पाई


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Kitni jaldi mulaqat guzar jaati hai,
Pyaas bujhti nahin barsat guzar jaati hai,
Apni yaadon se keh do is tarah naa aaya kare,
Neend aati nahi aur raat guzar jaati hai


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हर मुलाक़ात पे सीने से लगाने वाले
कितने प्यारे हैं मुझे छोड़ के जाने वाले


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Intajaar uska jiske aane ki koi aas ho,
Khushboo bhi us phool ki jo mere paas ho,
Manjil na mil saki hame to koi baat nahi,
Gam bhi usi shakhs ka hota hai jise pyaar ka ehsaas ho


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ग़ैरों से तो फ़ुर्सत तुम्हें दिन रात नहीं है
हाँ मेरे लिए वक़्त-ए-मुलाक़ात नहीं है


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Chahane Se Har Baat Nahi Hoti,
Thode Se Andhere Se Raat Nahi Hoti
Jinhe Hum Jaan Se Jyada Chahte Hai,
Unse Har Roz Mulakat Nahi Hoti


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मिल रही हो बड़े तपाक के साथ
मुझ को यकसर भुला चुकी हो क्या


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Wo kahakar chal diye itni mulakat bahut hai,
Hamne kaha ruk jao abhi raat bahut hai,
Tham jaye mere ansu to shauk se jana,
Aise me kaha jaoge barsaat bahut hai


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