MAUT SHAYARI IN HINDI,MAUT QUOTES IN HINDI,मौत शायरी,DEATH SHAYARI | morepankh.com

Doston Zindagi main maut ka bada aham roll hai ye maut marti hai fir se zindagi dene ke liye lekin is zindagi main kai aisi baate ho jaati hai jo maut se bhi jyada insaan ko pareshan kar deti hai ,aap in shayari ko read karo aapko saari kahani samajh main aa jayegi.........

                                                 
MAUT SHAYARI IN HINDI,MAUT QUOTES IN HINDI,मौत शायरी,DEATH SHAYARI



Death shayari

Maut se pahle bhi 
ek aur maut hoti hain
Dekho jara tum 
kisi apne se juda hokar


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ज़िन्दगी ज़ख्मो से भरी है वक्त को मरहम बनाना सीख लो
हारना तो मौत के सामने है फ़िलहाल ज़िन्दगी से जीना सीख लो


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छोड़ दिया मुझको आज मेरी मौत ने यह कह कर,
हो जाओ जब ज़िंदा, तो ख़बर कर देना।


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मौत मांगते है तो ज़िन्दगी खफा हो जाती है
जहर लेते है तो वो भी दवा हो जाती है


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लम्बी उम्र की दुआ मेरे लिए न माँग,
ऐसा न हो कि तुम भी छोड़ दो और मौत भी न आये


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Death shayari in hindi


मौत को तो मैंने कभी देखा नहीं
पर यकीनन बहुत खुबसूरत होगी
जो भी मिलता है उससे जीना छोड़ देता है


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मौत को तो यूँ ही बदनाम करते हैं लोग,
तकलीफ तो साली ज़िन्दगी देती है


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मोहब्बत और मौत दोनों बिन बुलाए मेहमान होते है
कब आजाए कोई नहीं जानता
लेकिन दोनों का एक ही काम है
एक को दिल चाहिए दुसरी को धड़कन


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क्या कहूँ तुझे... ख्वाब कहूँ तो टूट जायेगा,
दिल कहूँ, तो बिखर जायेगा।
आ तेरा नाम ज़िन्दगी रख दूँ,
मौत से पहले तो तेरा साथ छूट न पायेगा।


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मौत को तो यूँ ही बदनाम करते हैं लोग,
तकलीफ तो साली ज़िन्दगी देती है!!
उनसे बिछड़े तो मालूम हुआ मौत क्या चीज है
ज़िन्दगी वो थी जो हम उनकी महफ़िल में गुजार आए


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सुलगती जिंदगी से मौत आ जाये तो बेहतर है,
हमसे दिल के अरमानों का अब मातम नहीं होता


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सुलगती जिंदगी से मौत आ जाये तो बेहतर है, हमसे दिल के अरमानों का अब मातम नहीं होता


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तमाम उम्र जो हमसे बेरुखी की सबने,
कफ़न में हम भी अजीज़ों से मुँह छुपा के चले।


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मिट्टी मेरी कब्र से उठा रहा है कोई,
मौत के बाद भी याद आ रहा है कोई,
कुछ पल की मोहलत और दे दे ऐ खुदा,
उदास मेरी कब्र से जा रहा है कोई


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उम्र तमाम बहार की उम्मीद में गुजर गयी,
बहार आई है तो पैगाम मौत का लाई है


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वादे भी उसने क्या खूब निभाए हैं,
ज़ख्म और दर्द तोहफे में भिजवाए हैं,
इस से बढ़कर वफ़ा कि मिसाल क्या होगी,
मौत से पहले कफ़न का सामान ले आये हैं


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इतनी शिद्दत से चाहा उसे की खुद को भी भुला दिया,
उनके लिए अपने दिल को कितनी ही बार रुला दिया,
एक बार ही ठुकराया उन्होंने,
और हमने खुद को मौत की नींद सुला दिया।


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लोग अच्छे हैं बहुत दिल में उतर जाते हैं
इक बुराई है तो बस ये है कि मर जाते हैं


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मौत-ओ-हस्ती की कशमकश में कटी उम्र तमाम,
गम ने जीने न दिया शौक ने मरने न दिया


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हमारी ज़िंदगी तो मुख़्तसर सी इक कहानी थी
भला हो मौत का जिस ने बना रक्खा है अफ़्साना


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वादे तो हजारों किये थे उसने मुझसे,
काश एक वादा ही उसने निभाया होता,
मौत का किसको पता कि कब आएगी,
पर काश उसने ज़िन्दा जलाया न होता।


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कैसे आ सकती है ऐसी दिल-नशीं दुनिया को मौत
कौन कहता है कि ये सब कुछ फ़ना हो जाएगा


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अब मौत से कह दो कि नाराज़गी खत्म कर ले,
वो बदल गया है जिसके लिए हम ज़िंदा थे


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मौत का एक दिन मुअय्यन है
नींद क्यूँ रात भर नहीं आती


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भूले हैं रफ्ता-रफ्ता उन्हें मुद्दतों में हम
किश्तों में खुदकुशी का मज़ा हम से पूछिए


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Mout shayari in hindi


मौत ख़ामोशी है चुप रहने से चुप लग जाएगी
ज़िंदगी आवाज़ है बातें करो बातें करो


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इस मरहले को भी मौत ही कहते हैं,
जहाँ एक पल में टूट जाये उम्र भर का साथ


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मौत से किस को रुस्तगारी है
आज वो कल हमारी बारी है


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यूँ तो हादसों में गुजरी है हमारी ज़िन्दगी,
हादसा ये भी कम नहीं कि हमें मौत न मिली


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बहर-ए-ग़म से पार होने के लिए
मौत को साहिल बनाया जाएगा


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ज़िंदगी बैठी थी अपने हुस्न पे फूली हुई,
मौत ने आते ही सारा रंग फीका कर दिया


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बे-तअल्लुक़ ज़िंदगी अच्छी नहीं
ज़िंदगी क्या मौत भी अच्छी नहीं


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इक तुम हो जिसे प्यार भी याद नहीं,
इक में हूँ जिसे और कुछ याद नहीं,
ज़िन्दगी मौत के दो ही तो तराने हैं,
इक तुम्हें याद नहीं इक मुझे याद नहीं।


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नहीं ज़रूर कि मर जाएँ जाँ-निसार तेरे
यही है मौत कि जीना हराम हो जाए


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बढ़ जाती है मेरी मौत की तारीख खुद ब खुद आगे,
जब भी कोई तेरी सलामती की खबर ले आता है


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मौत का इलाज हो शायद
ज़िंदगी का कोई इलाज नहीं


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जिन्दगी कशमकश-ए-इश्क के आगाज का नाम,
मौत अंजाम इसी दर्द के अफसाने का


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बूढ़ों के साथ लोग कहाँ तक वफ़ा करें
बूढ़ों को भी जो मौत न आए तो क्या करें


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उससे बिछड़े तो मालूम हुआ मौत भी कोई चीज़ है,
ज़िन्दगी वो थी जो उसकी महफ़िल में गुज़ार आए


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दुनिया मेरी बला जाने महँगी है या सस्ती है
मौत मिले तो मुफ़्त न लूँ हस्ती की क्या हस्ती है


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अब मौत से कहो की हमसे नाराज़गी ख़त्म कर ले
वो बहुत बदल गए है, जिसके लिए हम जिया करते थे


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कम से कम मौत से ऐसी मुझे उम्मीद नहीं
ज़िंदगी तू ने तो धोके पे दिया है धोका


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ऐ मौत तुझे एक दिन आना है भले,
आ जाती शबे फुरकत में तो अहसां होता


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माँ की आग़ोश में कल मौत की आग़ोश में आज
हम को दुनिया में ये दो वक़्त सुहाने से मिले


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अपने वजूद पर इतना न इतरा ए ज़िन्दगी,
वो तो मौत है जो तुझे मोहलत देती जा रही है


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मरते हैं आरज़ू में मरने की
मौत आती है पर नहीं आती


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दो गज़ ज़मीन सही मेरी मिल्कियत तो है,
ऐ मौत तूने मुझको ज़मींदार कर दिया


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मौत का इंतिज़ार बाक़ी है
आप का इंतिज़ार था न रहा


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तुम दर्द भी हो मेरा और दर्द की दवा भी हो,
मेरी मौत का कारण भी हो तुम, जीने की वजह भी हो,
खुली नज़रो से तुम दूर हो बहुत मुझसे,
बंद आँखों में हर जगह मेरे पास भी हो तुम।


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ज़िंदगी इक हादसा है और कैसा हादसा
मौत से भी ख़त्म जिस का सिलसिला होता नहीं


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खुशी आपके लिए गम हमारे लिए,
जिंदगी आपके लिए मौत हमारे लिए,
हँसी आपके लिए रोना हमारे लिए,
सबकुछ आपके लिए आप हमारे लिए


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अब मौत से कह दो कि नाराज़गी खत्म कर ले,
वो बदल गया है जिसके लिए हम ज़िंदा थे.


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तमन्ना यही है बस एक बार आये,
चाहे मौत आये चाहे यार आये


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ज़िंदगी इक सवाल है जिस का जवाब मौत है
मौत भी इक सवाल है जिस का जवाब कुछ नहीं


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मेरी ज़िंदगी तो गुजरी तेरे हिज्र के सहारे,
मेरी मौत को भी कोई बहाना चाहिए।
कितना और दर्द देगा बस इतना बता दे,
ऐसा कर ऐ खुदा मेरी हस्ती मिटा दे,
यूं घुट घुट के जीने से तो मौत बेहतर है,
मैं कभी न जागूं मुझे ऐसी नींद सुला दे।


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शुक्र है कि मौत सबको आती है,
वरना अमीर तो इस बात का भी मजाक उड़ाते,
कि गरीब था इसलिए मर गया


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इश्क कहता है मुझे इक बार कर के देख,
तुझे मौत से न मिलवा दिया तो मेरा नाम बदल देना


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मुझे आज भी यकीन है की तु एक दिन लौटकर आयेगा
चाहे वो दिन मेरी मौत का ही क्यों ना हो.


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मोहब्बत और मौत की पसन्द तो देखो यारो
एक को दिल चाहिए और दुसरे को धड़कन
अब मौत से कह दो कि नाराज़गी खत्म कर ले,
वो बदल गया है जिसके लिए हम ज़िंदा थे​।


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हाथ पढ़ने वाले ने तो परेशानी में डाल दिया मुझे...
लकीरें देख कर बोला, तु मौत से नहीं, किसी की याद में मरेगा


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