RAJPUTANA STATUS IN HINDI & ENGLISH | MAHAN RAJPUTANA SHAYARI | morepankh.com

JAY SHREE RAM DOSTON AAJ HUM LAAYE HAI APKE LIYE RAJPUTANA STATUS,RAJPUTANA SHAYARI,RAJPUTANA QUOTES,RAJPUTANA SMS IN ENGLISH & HINDI,RAJOUTANA SHAYARI IN HINDI
                                                                                
                                                                          




रोको चाहे हमको हम बाज़ आएंगे
राजपूत है हम बस राज करते जायेंगे
लिखेगी दुनिया सारी हमारा फ़साना
याद रखेगा जिसे पूरा जमाना


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शीश कटे पर झुके नहीं
आगे बढ़े पर रुके नहीं
लड़े आंधी और तूफानों में
आत्म गौरव है राजपूतानो में


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जबतक हमारे शिर पर माँ भवानी की रहमत रहेगी,
तब तक हर बंदे में RaJPut नाम की दहशत रहेगी


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मर सकता हूँ मगर झुकना नहीं है मंज़ूर मुझे,
हाँ मैं ‘क्षत्रिय ’ हूँ, इस बात का है ग़ुरूर मुझे,
दंभ है पश्चिम तुझे, चुटकी में तोड़ देंगे हम,
हुंकार भर जो उठ गए, घमंड तेरा चूर है,
सांसों में मेरी संस्कृति है, वेद बहते ख़ून में,
पुराण-शास्त्र-उपनिषद, चेहरे का मेरे नूर है,


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माचिस तो यूं ही बदनाम है
हमारे तेवर तो आज भी आग लगाते है…


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ज़ुल्म की पहचान मिटा के रख दें राजपूत,
चाहे तो कोहराम मचा के रख दें राजपूत ,
अभी सूखे पत्तो की तरह बिखरे है हम राजपूत,
अगर हो जाये एक तो दुनिया हिला के रख दें राजपूत


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धोखा तो तुझे हम भी दे सकते थे मेरे DOST
मगर हम RAJPUT है और हमारे बुजुर्ग कहते है,
राजपूत की यारी और शेर की सवारी,
सिर्फ नसीब वालों को ही मिलती है


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अरे पगली इन आंखो मेँ
नशा राजपूताने का भरा है
प्यार का नहीँ
इन हाथोँ मेँ तलवार उठेगी गुलाब के फूल नही,
और ये हमारा क्षत्रिय राजपूताना है कोई सिनेमा हॉल
नहीँ,
यहाँ युद्ध और विजय की ही बाते होती है प्यार की
नहीँ !!
जय राजपूताना


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चिंता को तलवार की नोक पे रखे वो राजपूत…
रेत की नाव लेकर समुंदर से शर्त लगाये वो राजपूत…
और जिसका सर कटे फिर भी धड़ दुश्मन से लड़ता रहे वो राजपूत


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राजपूत की आन-बाण-शान का प्रतीक है तलवार,
जीने का नया ढंग नया अंदाज सिखाती है ये तलवार,
सुंदर सजी हुई शानदार म्यान के अंदर रहकर भी,
वीरों के संग अर्धांगिनी सी विराजती है तलवार


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राजपूत के तेवर का पैमाना नाप सकें,
तेरी औकात के थर्मोमीटर में इतनी Degree ही कहा


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अन्य के लिए जो रक्त बहाये
मातृभूमि का जो देशभक्त कहलाये
गर्जन से शत्रु का तख़्त हिलाये
असुरो से पृथ्वी को विरक्त कराये
वही असली राजपूत कहलाये


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आदते ख़राब नहीं, शौक़ ही ऊचें है,
नही तो ख्वाबों की इतनी हिम्मत कहा की,
राजपूत देखे और पूरा न हो


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ज़िंदगी तो राजपूत जिया करते है
दिगजो को पछाड़ दिया करते है
कौन रखता है किसी के सिर पर ताज
राजपूत तो अपना राजतिलक खुद किया करते हैं


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मूंछ पे ताव,आँखों में शोले
फिर भी अनुशासन में रहे…
तो समझ लेना वो राजपूत है


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झुक कर बात करने की आदत बना लो दुनिया वालों काफी फायदे में रहोगे
क्यूंकि आज भी राजपूत से आँख मिला कर बात करने में नहीं
कटता है तो कट जाये सारा जीवन संघर्ष में
कदम कदम पर समझौता हमारे बस की बात नही


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राजपूत जब दोस्ती करते है, तो अफ़साने लिखे जाते है,
और जब दुश्मनी करते है तो तारीखें लिखी जाती है


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जो तुम कहते हो वो नादानी है
हमसे नज़रें मिलाने की कोशिश न कर
हमारी अकड़ खानदानी है राजपूत


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तुम जिन्दगी में आ तो गये हो मगर ख्याल रखना,
हम राजपूत है जान दे देते हैं मगर जाने नहीं देते


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एक अलग सी पहचान बनाने की आदत है हमें ,
ज़ख्म हो जितना गहरा उतना मुस्कुराने की आदत है हमें ,
सब कुछ लूटा देते हैं दोस्ती मे
क्युंकि दोस्ती निभाने की आदत है हमें


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करके ब्लॉक सोचती होगी Miss करता होगा,
राजपूत तोह गिरी हुई नोट तक उठाते,
तू तो फिर भी चवन्नी है


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बिना बात के तोह कोई भी हिथयार उठा सकता है
किसी की जान लेना तो कायरों का काम होता है
और किसी चीज़ के लिए जान देना राजपूत और राजाओं का काम होता है


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अपने हाथों में अपना मान रखते है,
बोलकर नहीं अपने काम से अपनी पहचान रखते है


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रहे हाथ ढाल तलवार और मज़बूती
तू धर दे माँ चामुंडा राजपूतों में मज़बूती
क्षत्रियो एक बनो नेक बनो जय राजपूताना


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पब्लिसिटी की जरूरत ऊन आवारा लोगों को होती है,
जो बस अंग्रेज बन के घुमते है,
और हम बापू जहाँ खडे होते है,
पब्लिसिटी नही खुद Public Demand करती है


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ना दौलत पे नाज़ करते है ,
ना शोहरत पे नाज़ करते है ,
किया है भगवान ने राजपूतों के घर पैदा,
इसलिए अपनी किस्मत पे नाज़ करते है


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शस्त्र छूटे और पीठ बतायें उसे कायर कहते है,
मारने के लिये शस्त्र ना हो और छाती बताये,
उसे राजपूत कहते है… जय भवानी


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बन के राजपूत लिया है जन्म,
बलिदान का सिलसिला रुकने ना दूंगा ,
माँ भवानी की कृपा है मुझ पर ,
अपने पुरखों का गर्वमस्तक झुकने ना दूंगा


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हमें पसंद नही जंग मे भी चालाकी जिसे निशाने पे रखते है,बता के रखते है


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है लहू जिनका मेरी रगों में तेवर भी उन्हीं का वरदान है
शान से जीना सिखाया जिसने महाराणा उनका नाम है


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बंदूक ओर तलवार जैसे खिलौने बजार मे बहोत बिकते हैं,
पर उसे चलाने का जिगर दुनिया के किसी बाजार मे नहीं बिकता…
राजपूत उसे लेकर ही पैदा होता है


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जो दुसरो के लिए प्राण दे वो क्षत्रिय

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प्यासी तलवारों को योद्धा रक्त पिलाने बैठे हैं ,
मेरे राजपूत शेर शिकार करने के लिए बैठे हैं !
दुखों का पहाड़ झुकाने सूरमा आज गंभीर बैठे हैं ,
मेरे वीर राजपूत इतिहास लिखने के लिए बैठे हैं


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लोगों पर कैसे राज करना है ये हमे अच्छे से पता है,
वो जंगल और शिकारी का दांव पुराना हो गया है,
हमारा रुबाब था और आगे भी रहेगा जय_राजपूताना


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मैं झुक नहीं सकता मैं शौर्य का अखंड भाग हूँ
जला दे जो दुश्मन की रूह तक मैं वही राजपूत की औलाद हूँ


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राजपूत की मूँछ और शेर की पूँछ जब हिलती है, तो कयामत आ जाती है


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हम राजपूत है…
जो शेर का शिकार किया करते थे,
तभी तो अपने दम पर चलते है…
कुत्तों की क्या औकत,
जो आज दूसरों के टुकड़ों पे पलते हैं


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बाप के सामने अयाशी और
राजपूत के सामने बदमाशी
बेटा भूल कर भी मत करिओ


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जिन्दगी तो ठाकुर जिया करते है,
दिग्गजो को पछाड कर राज किया करते है,
कौन रखता है किसी के सर पर ताज
राजपूत तो अपना राजतिलक स्वयं किया करते है


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शेर कभी छुप कर वार नहीं करते, बुज़दिल कभी खुल कर वार नहीं करते
अरे ! हम तो योद्धा है राजपूत कौम के हम मर कर भी हार स्वीकार नहीं करते


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“दो दो मेला नित भरे, पूजे दो दो थोर
सर कटियो जिण थोर पर, धड जुझ्यो जिण थोर ” मतलब
एक राजपूत की समाधी पे दो दो जगह मेले लगते है,
पहला जहाँ उसका सर कटा था और दूसरा जहाँ उसका धड लड़ते हुए गिरा था


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दिल में जूनून और आग जैसी जवानी चाहिये,
हम राजपूतों को तो दुश्मन भी खानदानी चाहिये


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जंग खाई तलवार से युद्ध नहीं लड़े जाते
लंगड़े घोड़े पर दांव नहीं लगाये जाते
यूं तो लाखों वीर होते है पर सब महाराणा प्रताप नहीं होते
खूबसूरत हर लड़की होती है पर सब रानी पदमनी नहीं होती
धरती पर पूत तो सभी होते है पर सब राजपूत नहीं होते


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रण में जीना रण में मरना यही राजपूताना धर्म है,
तलवार हाथ में बंदुक काख में
सिर पे केसरिया साफा
यही राजपूताना की शान है


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जब हम सिंहासन पर बैठते हैं तो,राजा कहलाते है ,
जब हम घोङे पर सवार होते तो,योध्दा कहलाते है,
जब हम किसी की जान बचाते है तो,श्रत्रिय कहलाते है,
जब हम किसी को वचन देते है तो “राजपुत” कहलाते है


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राजपूतों की रगों में वो खून दौड़ता है,
जिसकी एक बूंद यदि तेजाब पे गिर जाये,
तो तेजाब जल जाये…Jai Rajput


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कोशिश तो सब करते है ,लेकिन सबको हासिल ताज़ नहीं होता ,
शोहरत तो कोई भी कमा ले लेकिन राजपूतों वाला अंदाज़ नहीं होता


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हथियार ना दिखाना हमको गलती से भी,
सदियों से हथियार राजपूतों के वफादार रहे है


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तुम क्या हमसे जी हजूरी करवाओंगे
ए नादान, हम तो खुद उस राजघराने से है…
जिनसे बात करते वक्त लोग,
आज भी हुकुम कहना नहीं भुलते


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दुनिया में सब कुछ मिल जायेगा पर
राजपुताना की शान और संस्कृति कंही ओर नही मिलेगी


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कोशिश तो सब करते है, लेकिन सबको हासिल ताज़ नहीं होता,
शोहरत तो कोई भी कमा ले लेकिन ठाकुरो वाला अंदाज़ नहीं होता


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जब तक माथे पर लाल रंग नहीं लगता,
तब तक राजपूत किसी को तंग नहीं करता…
सर चढ़ जाती है ये दुनिया भूल जाती है,
के राजपूत की तलवार को कभी जंग नहीं लगता


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मगरमच्छ की पकड़ और राजपूतों की अकड़ जबरदस्त होती हे


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जंगल में जब शेर चैन की नींद सोता है,
तो कुत्तों को गलतफेमी हो जाती है,
कि इस जंगल में अपना राज है


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मान-मर्यादा-अनुशासन, यही पहचान है हमारी,
राजपूत है हम, ऊँची शान है हमारी


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Rajputo की ताकत का अंदाजा जोर से नही
दुश्मन के शोर से पता चलता है


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अक्सर हम हमारा परिचय नहीं देते,
लोग चेहरा देख कर ही कह देते है,ठाकुर आये है


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जब शान हो राजपूतों वाली,
तो नशा शराब में नही,
बापू की Personality में होता है


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अपनी ताकत पर घमंड और कमजोरी पर पर्दा डालना ओरो का काम है,
भीड़ में भी अकेले खड़े रहे वो सिर्फ राजपूत शैरों का काम है


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रख के तराजू एक एक पलड़े में अपने दोस्तों की खुशियाँ,
दुसरे पलडे में अपनी जान रखता हुँ


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Rajput luks silent from outside,But they keep the storm inside


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माना की तेरी एक आवाज से भीड़ हो जाती है,
लेकिन हम भी राजपूत है,
हमारी एक ललकार से पूरी भीड़ बिखर जाती है


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देख पगली गाज़र का हलवा और राजपूत का जलवा दोनों होश उड़ा देते है

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राजपूत हूँ, राजपूती शान रखता हुँ,
बाहर से शांत हुँ, पर अंदर से तूफान रखता हुँ


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खैरात में मिली हुई खुशी हमें पसंद नहीं,
अरे ! हम तो ग़म में भी नवाब की तरह जीते है


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लोग कहते है तुम ATTITUDE बड़ा दिखाते हो…
देख बेटा भगवान कि देन है,
ऊपर से राजपूत है छिपायेगे थोडी


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यूँ हर किसी के हाथों बिकने को तैयार नहीं,
ये राजपूत का जिगर है तेरे शहर का अखबार नहीं


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पंगा लेना गोली की रफ़्तार से,
पर कभी मत टकराना राजपूत की तलवार से


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रखते हैं मूछों को ताव देकर, यारी निभाते हैं जान देकर,
ख़ौफ़ खाती है दुनिया हमसे, क्योंकि हम जीते हैं शेरों की दहाड़ लेकर !!
जय राजपूताना


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